ग्रीष्म ऋतु भारतीय मौसम विज्ञान में एक ऋतु है जो वर्षा और शरद ऋतु के बीच में आती है। यह ऋतु अक्सर अप्रैल या मई महीने से शुरू होती है और जून या जुलाई महीने में समाप्त होती है। ग्रीष्म ऋतु का समय उत्तरी भूमध्यसागरीय क्षेत्र में बहुत गर्म और शुष्क होता है। इस ऋतु के दौरान तापमान उच्च रहता है और धूप की प्रकृति भी बहुत गर्म और तीव्र होती है।
भारत में ग्रीष्म ऋतु में बहुत सारे लोग शीतल जगहों पर जाने की कोशिश करते हैं जैसे पहाड़ी स्थल, नदी तट, और उच्च ऊँचाईयों पर स्थित नगर। यह ऋतु शौचालय ग्रामीण क्षेत्रों में गांवों की आवश्यकता और सुविधाओं में बदलाव भी लाती है। इसके अलावा, ग्रीष्म ऋतु भारतीय उपमहाद्वीप में विभिन्न त्योहारों और मेलों का भी समय होता है, जिनमें शीतल जल के साथ नृत्य, गान और खाने का आनंद लिया जाता है।
ग्रीष्म ऋतु एक तरह की प्रकृति की अद्भुतता का समय है, जहां धरती पर खुदरा हरियाली, फूलों की सुगंध, और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया जा सकता है। हालांकि, यह ऋतु भारी गर्मी के साथ आती है, इसलिए लोग उचित सुरक्षा के साथ अपनी स्वास्थ्य और हाइड्रेशन की देखभाल करना भी महत्वपूर्ण समझते हैं।
इस ऋतु में वन्य जीवों और पशुओं के लिए पानी की समस्या भी बढ़ती है। नदियों और झीलों का स्तर नीचे आने के कारण अक्सर जल संकट की स्थिति उत्पन्न होती है। इसके कारण वन्यजीवों को जल प्राप्त करने में मुश्किलें हो सकती हैं और यह प्राकृतिक जीवन को प्रभावित कर सकता है।
इस ग्रीष्म ऋतु शौचालय स्वच्छता और जल संरक्षण की महत्वपूर्ण बातें भी जागरूकता पैदा करती है। इस मौसम में, जल संपदा की सवालों पर विचार करना और उचित जल बचत के उपाय अपनाना आवश्यक होता है। बांदीकरण, जल संचयन, बारिश के पानी को संग्रहीत करने के तंत्र, और जल सफाई उपकरण आदि का उपयोग करके जल संरक्षण के उदाहरण प्रदान किए जाते हैं। इस तरह से, ग्रीष्म ऋतु भारतीय जीवन में विविधता, उत्साह, और चुनौतियों का समय होती है। यह ऋतु भारत की सांस्कृतिक, मौसमिक, और पर्यटन की पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा है।